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अध्याय 31 – राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली (सिस्टम) लागू करने पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

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(31.10) राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली (सिस्टम) पर सभी दलों की राय / उनके रूख

 

भारतीय जनता पार्टी सहित सभी पार्टियां राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली(सिस्टम) के खिलाफ हैं। यही कारण है कि लाल कृष्‍ण आडवाणी, प्रमोद महाजन, शौरी, अटल बिहारी बाजपेयी आदि जैसे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने अपने 7 वर्ष के शासनकाल में निजी पहचान-पत्र प्रणाली(सिस्टम) लागू करने से इनकार किया। इसका कारण बहुत ही छोटा/तुच्‍छ है – एक निजी पहचान-पत्र प्रणाली(सिस्टम) से काली संपत्ति और काले धन को छुपाना कठिन बना देती है और चूंकि ये (नेता) यहां के  विशिष्ट/ऊंचे लोगों के समर्थक हैं इसलिए ये सभी राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली(सिस्टम) का विरोध कर रहे हैं। हम नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे इन नेताओं को वोट न दें क्‍योंकि ये राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली(सिस्टम) का विरोध कर रहे हैं।

समीक्षा प्रश्‍न

1.    आज की तारीख में कौन सा पहचान-पत्र विश्वव्यापी/सर्वजन के लिए है और अनिवार्य है?

2.         सही/गलत बताएं: अमेरिका में अवैध परदेशी(आप्रवास) की वैधानिकता की पहचान करने के लिए कोई प्रणाली(सिस्टम) लागू नहीं है।

3.    मान लीजिए कि 1 जनवरी, 2009 को, 6 महीने से बड़े सभी लोगों के पास निजी पहचान पत्र है और मालिकओं को निजी पहचान-पत्र की रिपोर्ट करना/देना जरूरी है। अब बताएं कि कैसे कोई बड़ा/वयस्‍क बांग्‍लादेशी भारत में रोजगार प्राप्‍त कर सकता है?

4.    मान लीजिए, निजी पहचान-पत्र के साथ डी.एन.ए. भी संलग्‍न/जोड़ दिया गया है। अब किसी ऐसे व्‍यक्‍ति के बारे में विचार कीजिए जिसका डी.एन.ए. आंकड़े कोष(डाटाबेस) में कोई संबंधी/रिश्‍तेदार नहीं है। उसके परदेशी(आप्रवासी) होने की संभावना कितनी है?

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श्रेणी: प्रजा अधीन